चौकीदारी को कमरे में बंद कर दिया वारदात को अंजाम, पुलिस ने शुरू की छानबीनशिवपुरी-जिले के कोलारस थाना क्षेत्र के सेसई जैन मंदिर में रात्रि में डकैती की घटना हुई है। इस घटना में आरोपियों ने मंदिर में रखी 2 मूर्तियों सहित सभी दान पत्रों के ताले तोड़कर दानपत्रों को खाली कर गए। इस दौरान आरोपियों ने चौकीदार को कमरे में बंद कर दिया। जबकि पुजारन ने 2 बदमाशों को एक कमरे में बंद कर दिया था जिस पर साथी बदमाश उक्त लोगो को निकाल कर ले गए। इसके साथ ही आरोपी सीसीटीवी सिस्टम को भी उठा ले गए। चोरी की घटना के बाद से जैन समाज में रोष व्याप्त है वहीं अति.पुलिस अधीक्षक जी.एस.कंवर ने एसडीओपी कोलारस के साथ घटनास्थल का मौका मुआयना किया और मंदिर प्रबंधन से पूरे प्रकरण की जानकारी लेकर मामले की विवेचना शुरू कर दी है।
जानकारी के अनुसार मंदिर की पुजारन विमला देवी ने बताया है कि बीती रात्रि लगभग 12:30 बजे 5 नकाबपोश बदमाश खिड़की तोड़कर मंदिर में घुसे, तभी आवाज सुनकर पुजारन विमला देवी जागी, विमला ने कमरे में घुसे दो बदमाशों को कमरे में बंद कर दिया। बताया जा रहा है कि बदमाश खिड़की तोड़कर मंदिर में दाखिल हुए थे अंदर आते ही उन्होंने दानपात्रों के ताले तोड़ उसमें रखी नकदी पार कर ली। बदमाशो ने घटना के दौरान मंदिर में तैनात चौकीदार और उसकी पत्नी को कमरे में कैद कर दिया था। ऊपर मंजिल पर रहने वाली एक बुजुर्ग महिला विमला देवी ने बताया कि उसने दो चोरों को कमरे में बंद कर लिया था, लेकिन उनके शोर करने पर साथियो ने उन्हें कमरे से बाहर निकाल कर धमकाया और महिला से चाबी कब्जे में ले ली। रात भर डरे रहे इन लोगो ने सुबह पुलिस को चोरी की जानकारी दी। जिसके बाद एसडीओपी कोलारस अमरनाथ वर्मा, टीआई कोलारस एसएस सकरवार सहित मंदिर से जुड़े नामचीन श्रद्धालु मन्दिर पहुंच गए हैं। टीआई गांव में चौकीदार के साथ चोरों की तलाश कर रहे हैं। इस मामले की सूचना मिलते ही पुलिस अधीक्षक विवेक अग्रवाल मोके पर पहुँच गए है। चोरी हुई मूर्तियां अष्टधातु की हैं और काफी प्राचीन हैं। इसमें एक मूर्ति भगवान शांतिनाथ की है। वहीं दूसरी मूर्ति भगवान आदिनाथ की है। आदिनाथ भगवान की अष्टधातु की मूर्ति 2017 मे जीर्णोद्धर के समय स्थापित की गई थी। शांतिनाथ भगवान की मूर्ति आज से 4 साल पहले भी चोरी हो चुकी है जो एक साल बाद नरवर के पास मडीखेडा गाव मे मिली थी। यह कोई पहला मौका नहीं है, जब इस मंदिर में चोरी हुई है। करीब दो साल पहले भी इस मंदिर में चोरी हुई थी। ये मंदिर काफी पुराना है और कोलारस, शिवपुरी या जिले में ही नहीं दूरदराज से जैन समाज के लोग यहां दर्शन के लिए पहुंचते हैं। मंदिर का जीर्णोद्धार कर यहां विशाल धर्मायोजन पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष जितेंद्र जैन ने करवाया था। मंदिर की सुरक्षा चौबंद करने सीसीटीवी कैमरे लगाए। आज चोर सीसीटीवी के रिकॉर्डर को ही ले गए।
जानकारी के अनुसार मंदिर की पुजारन विमला देवी ने बताया है कि बीती रात्रि लगभग 12:30 बजे 5 नकाबपोश बदमाश खिड़की तोड़कर मंदिर में घुसे, तभी आवाज सुनकर पुजारन विमला देवी जागी, विमला ने कमरे में घुसे दो बदमाशों को कमरे में बंद कर दिया। बताया जा रहा है कि बदमाश खिड़की तोड़कर मंदिर में दाखिल हुए थे अंदर आते ही उन्होंने दानपात्रों के ताले तोड़ उसमें रखी नकदी पार कर ली। बदमाशो ने घटना के दौरान मंदिर में तैनात चौकीदार और उसकी पत्नी को कमरे में कैद कर दिया था। ऊपर मंजिल पर रहने वाली एक बुजुर्ग महिला विमला देवी ने बताया कि उसने दो चोरों को कमरे में बंद कर लिया था, लेकिन उनके शोर करने पर साथियो ने उन्हें कमरे से बाहर निकाल कर धमकाया और महिला से चाबी कब्जे में ले ली। रात भर डरे रहे इन लोगो ने सुबह पुलिस को चोरी की जानकारी दी। जिसके बाद एसडीओपी कोलारस अमरनाथ वर्मा, टीआई कोलारस एसएस सकरवार सहित मंदिर से जुड़े नामचीन श्रद्धालु मन्दिर पहुंच गए हैं। टीआई गांव में चौकीदार के साथ चोरों की तलाश कर रहे हैं। इस मामले की सूचना मिलते ही पुलिस अधीक्षक विवेक अग्रवाल मोके पर पहुँच गए है। चोरी हुई मूर्तियां अष्टधातु की हैं और काफी प्राचीन हैं। इसमें एक मूर्ति भगवान शांतिनाथ की है। वहीं दूसरी मूर्ति भगवान आदिनाथ की है। आदिनाथ भगवान की अष्टधातु की मूर्ति 2017 मे जीर्णोद्धर के समय स्थापित की गई थी। शांतिनाथ भगवान की मूर्ति आज से 4 साल पहले भी चोरी हो चुकी है जो एक साल बाद नरवर के पास मडीखेडा गाव मे मिली थी। यह कोई पहला मौका नहीं है, जब इस मंदिर में चोरी हुई है। करीब दो साल पहले भी इस मंदिर में चोरी हुई थी। ये मंदिर काफी पुराना है और कोलारस, शिवपुरी या जिले में ही नहीं दूरदराज से जैन समाज के लोग यहां दर्शन के लिए पहुंचते हैं। मंदिर का जीर्णोद्धार कर यहां विशाल धर्मायोजन पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष जितेंद्र जैन ने करवाया था। मंदिर की सुरक्षा चौबंद करने सीसीटीवी कैमरे लगाए। आज चोर सीसीटीवी के रिकॉर्डर को ही ले गए।
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